Blog

अभिमन्यू के अपने

वो आर्यावृत्त से भारत नाम अपनाने वाले वृहद देश का एक युद्ध था जिसमें सब कुछ महान था | जिसमें सब कुछ महा था महादेश, महायुद्ध, महायुद्धक्षेत्र, महायोद्धा, महाअस्त्र-शस्त्र, महाप्रतिशोध, महाक्षमा, महाछल, महापराक्रम, महावरदान, महाश्राप, महारथी, महाराजनीति, महाक्रूरता, महाआत्मा महापरमात्मा, महारूप, महाज्ञान, महाज्ञानी, महा अज्ञान, महाअज्ञानी महावीरता, महादुष्टता, महावृद्ध, महागुरू, महाशिष्य, महापुरूष,महादानी, महाषड़यंत्र, महाषड़यंत्रकारी, महाविश्वास […]

Read More

फसाना – ए – जिंदगी

जिंदगी का भी अजब फसाना है सुबह आमद दोपहर तपिश , शाम आराम , रात रवाना है ,सुबह गीली मिट्टी है ,इंसानियत है ,सपने हैं ,हिम्मत है ,लगन है | दूसरों के लिए बहुत कुछ करने का अपने आपसे वादा है खुद से नाराज लोगों को मना लेने की उम्मीद है , दौड़ में पिछड़े […]

Read More

सरस्वती

डाकू लुटेरे जघन्य हत्यारे पापी पर ब्रह्मा पुत्र देवर्षि नारद के माध्यम से कृपा कर उसे भविष्यदृष्टा बना भगवान के जन्म से पहले ही भगवान का जीवन चरित्र लिख लेने वाला युगों तक पूजनीय वाल्मीकी बनाती है | सरस्वती पुत्रों को असीम प्रेम करने वाली व पुत्रों से असीम श्रद्धा व प्रेम पाने वाली ममतामई […]

Read More

विश्वास

प्रकाश शिन्दे ‘अबोध’ सृष्टि रचयिता परमपिता ब्रह्मा के वरदान के फलस्वरूप स्वर्गविजेता बने असुरेश तारकासुर के अत्याचारों से त्रस्त होकर प्राण रक्षा हेतु सृष्टि में छिपते फिर रहे स्वर्ग निर्वासित असंख्य देवगणों के साथ क्या था औघड़, वनवासी व पत्नी शोक में पत्नी की हवनकुंड में जली मृत देह लेकर सुधबुध खोकर संपूर्ण सृष्टि में […]

Read More

राम जन्म के कारण

  मंथरा और कैकेई तो मात्र कारण अयोध्या के युवराज के वनवास का जगदीश्वर को तो पृथ्वी पर जन्म लेना ही था दशरथ नंदन का वन गमन निश्चित ही था,अन्यथा कैसे फलित होता चारों ऋषि कुमारों द्वारा वैकुण्ठ द्वारपाल जय विजय को दिया गया श्राप पूर्ण होता प्रत्येक जन्म में जय विजय के उद्धार का […]

Read More