वो आर्यावृत्त से भारत नाम अपनाने वाले वृहद देश का एक युद्ध था जिसमें सब कुछ महान था | जिसमें सब कुछ महा था महादेश, महायुद्ध, महायुद्धक्षेत्र, महायोद्धा, महाअस्त्र-शस्त्र, महाप्रतिशोध, महाक्षमा, महाछल, महापराक्रम, महावरदान, महाश्राप, महारथी, महाराजनीति, महाक्रूरता, महाआत्मा महापरमात्मा, महारूप, महाज्ञान, महाज्ञानी, महा अज्ञान, महाअज्ञानी महावीरता, महादुष्टता, महावृद्ध, महागुरू, महाशिष्य, महापुरूष,महादानी, महाषड़यंत्र, महाषड़यंत्रकारी, महाविश्वास […]
जिंदगी का भी अजब फसाना है सुबह आमद दोपहर तपिश , शाम आराम , रात रवाना है ,सुबह गीली मिट्टी है ,इंसानियत है ,सपने हैं ,हिम्मत है ,लगन है | दूसरों के लिए बहुत कुछ करने का अपने आपसे वादा है खुद से नाराज लोगों को मना लेने की उम्मीद है , दौड़ में पिछड़े […]
डाकू लुटेरे जघन्य हत्यारे पापी पर ब्रह्मा पुत्र देवर्षि नारद के माध्यम से कृपा कर उसे भविष्यदृष्टा बना भगवान के जन्म से पहले ही भगवान का जीवन चरित्र लिख लेने वाला युगों तक पूजनीय वाल्मीकी बनाती है | सरस्वती पुत्रों को असीम प्रेम करने वाली व पुत्रों से असीम श्रद्धा व प्रेम पाने वाली ममतामई […]
प्रकाश शिन्दे ‘अबोध’ सृष्टि रचयिता परमपिता ब्रह्मा के वरदान के फलस्वरूप स्वर्गविजेता बने असुरेश तारकासुर के अत्याचारों से त्रस्त होकर प्राण रक्षा हेतु सृष्टि में छिपते फिर रहे स्वर्ग निर्वासित असंख्य देवगणों के साथ क्या था औघड़, वनवासी व पत्नी शोक में पत्नी की हवनकुंड में जली मृत देह लेकर सुधबुध खोकर संपूर्ण सृष्टि में […]
मंथरा और कैकेई तो मात्र कारण अयोध्या के युवराज के वनवास का जगदीश्वर को तो पृथ्वी पर जन्म लेना ही था दशरथ नंदन का वन गमन निश्चित ही था,अन्यथा कैसे फलित होता चारों ऋषि कुमारों द्वारा वैकुण्ठ द्वारपाल जय विजय को दिया गया श्राप पूर्ण होता प्रत्येक जन्म में जय विजय के उद्धार का […]