जिंदगी का भी अजब फसाना है सुबह आमद दोपहर तपिश , शाम आराम , रात रवाना है ,सुबह गीली मिट्टी है ,इंसानियत है ,सपने हैं ,हिम्मत है ,लगन है | दूसरों के लिए बहुत कुछ करने का अपने आपसे वादा है खुद से नाराज लोगों को मना लेने की उम्मीद है , दौड़ में पिछड़े हुए पुराने खिलाड़ियों को हिम्मत बढ़ाने का जोश है , सबको हमेशा खुश रखने की कोशिश का ऐलान है , दुनिया से लड़कर दुनिया जीत लेने का खुद पर यकीन है ,दुनिया बदल देने की ताकत का भरम है दुनिया पलट देने का हौंसला है नए रास्ते खोजने का जुनून है |

अपने रास्तों पर सबको चलाने का जिद है अपनी पहचान बनाने का जज्बा है, नए दोस्त बनाने की बेताबी है हवा से भी तेज़ निकल जाने की तैयारी है तारीख में नाम दर्ज कराकर हमेशा हमेशा के लिए यादगार बन जाने का ख्वाब है ,दोपहर से पहले बहुत कुछ पा लेने की बेकरारी है। दोपहर आधी बनी हुई मूरत है दुनिया में इंसानियत है कि नहीं ! खुद ही हैरान हैं समझौता है। खुद की रणनीति पर असमंजस है आधी दौड़ के बाद का आराम और बाकी दौड़ की तैयारी है कुछ नाराज़ों को मनाने का सुख है। नए लोगों के नाराज हो जाने का खेद पीछे छूट चुके लोगों से आगे आ जाने का जुनून है। आगे दौड़ने वालों को हराने की रणनीति है तपिश की चुभन है। कमाई हुई और पाई हुई सुविधाओं का घमंड है बची हुई सुविधाओं को पाकर अगली पीढ़ी को खुद के जैसी मुसीबतों से बचाने का अरमान है अपने कामों का खुद ही बखान है दूसरों की निंदा करने हेतु पर्याप्त तथाकथित ज्ञान है। अपने आप में सिमटे रहने का मकड़जाल है

खुद को हराने वालों से बदला लेने का अरमान है शाम के नजदीक आ जाने की झल्लाहट है मूरत पूरी तरह तैयार है गलत फैसलों पर पछतावा है दुनिया से नाखुशी है , अपनों के दगा से परेशानी है काम पूरा न हो पाने का मलाल है आगे वालों को नहरा पाने का ग़म है सिर्फ रात का इंतजार है रात बिस्तर तैयार है सबके लिए माफी है। दौड़ की वजह से छूट चुके अपनों की यादें हैं नाराजों को न मना पाने का पछतावा पूरा दिन बेकार निकल जाने की झल्लाहट है सो जाने की बेकरारी है नींद में सपने देखने की आजादी है कल की नई सुबह का इंतजार है यही जीवन का सार है |